भारत के राष्ट्रीय प्रतीक(National
Emblem of India)
हर राष्ट्र की पहचान उनके राष्ट्रीय प्रतीकों से होती है,भारत के राष्ट्रीय प्रतीक हमारी संस्कृति का प्रतीक एवं प्रतिबिंब
हैं और यही राष्ट्रीय प्रतीक हम भारतीयों की पहचान और हमारी विरासत का मूलभूत
हिस्सा हैं|
भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों का महत्व
यह हम भारतीय नागरिकों के दिलों में गर्व की भावना पैदा करता है और हम हमारे समृद्ध सांस्कृतिक सूत्र का अनुकरण करते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए राष्ट्रीय प्रतीक को संरक्षित करने में मदद करते है|
भारत का राष्ट्रीय ध्वज - तिरंगा
इस राष्ट्रीय ध्वज को पिंगली
वेंकय्या दवारा डिजाइन किया गया था और 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया
था|इस में समान अनुपात में केसरिया, सफेद तथा हरे रंग की क्षैतिज पट्टियाँ होती हैं इसलिए भारत के राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा कहा जाता है| ध्वज की लम्बाई और चौड़ाई का अनुपात क्रमश: 3:2 होता है.
इसमें सफेद रंग की
पट्टी के बीचों बीच गहरे नीले रंग का चक्र बना होता है जिसमें 24 तीलियाँ बनी होती हैं. यह चक्र
सारनाथ में स्थित अशोक स्तम्भ से लिया गया है| तिरंगे में केसरिया रंग त्याग और
बलिदान का, सफेद रंग सत्य, शांति और पवित्रता का और हर रंग
देश की समृद्धि का प्रतीक होता है|
भारत का राष्ट्रीय चिन्ह - अशोक स्तम्भ
भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तम्भ मौर्य साम्राज्य के सम्राट अशोक दवारा सारनाथ में बनवाये गए स्तम्भ से लिया गया है| जब भारत गणराज्य बना तब 26 जनवरी 1950 में इसे अंगीकृत किया गया |मुण्डक
उपनिषद से लिया गया वाक्य “सत्यमेव जयते” देवनागरी लिपि में अशोक के स्तंभ शिखर पर लिखा है|
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इस स्तंभ के शिखर पर चार शेर खड़े है, इसके नीचे गोलाकार आधार खिले
हुए उल्टे लटके कमल के रूप में है| इसमें धर्म
चक्र (कानून का पहिया) भी है और पहिये के हर एक तरफ पर एक अश्व और बैल बने हुए हैं|
भारत का प्रतीक शक्ति, हिम्मत, गर्व, और विश्वास को प्रदर्शित करता है
भारत का राष्ट्रीय गान - जन गण मन
मूल रूप से बंगाली मे रविन्द्रनाथ टैगोर दवारा लिखित'जनगणमन' को आधिकारिक रुप से 24 जनवरी 1950 में संवैधानिक सभा दवारा भारत के
राष्ट्रगान के रूप में अंगीकृत किया गया था| इसे पहली
बार 27 दिसंबर 1911 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था| इसे गाने में लगभग 52 सेकंड का समय लगता है हालांकि इसका लघु संस्करण (पहली और अंतिम पंक्ति) को पूरा
करने में केवल 20 सैकेंड का समय लगता है|
राष्ट्रगान को जब भी गाया या बजाया जाये, तो
पहले सूचना
देना अनिवार्य है तथा श्रोताओं का खड़ा होना अनिवार्य है|झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान गाना अनिवार्य है| किसी
भी कार्यक्रम में राष्ट्रपति के आने एवं जाने पर, परेड की सलामी, सेना के कार्यक्रम सभी विद्यालयों
में एवं सरकारी कार्यालयों में दिन की
शुरुवात राष्ट्रगान गाकर किया जाता है| यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह राष्ट्रगान
की महिमा, गौरव, एवं आदर करे|
जनगणमन-अधिनायक जय है भारतभाग्यविधाता!
पंजाब सिंध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छलजलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मागे,
गाहे तव जयगाथा।
जनगणमंगलदायक जय हे
भारतभाग्यविधाता!
जय हे , जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे।।
भारत का राष्ट्रगीत - वन्दे मातरम
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इसे पहली बार सन 1896 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के
राजनीतिक संदर्भ में रविन्द्रनाथ टैगोर दवारा गाया गया था| इसको बंकिमचन्द्र
चैटर्जी द्वारा बंगाली और संस्कृत में 1882 में उनके उपन्यास आनन्दमठ में लिखा गया था| वास्तविक वन्दे मातरम् में छ: छंद है, लेकिन
शुरुआत के दो छंद को ही आधिकारिक रुप से संविधान सभा में डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 24 जनवरी
1950 को राष्ट्रिय गीत के रूप में
अपनाने संबंधी वक्तव्य पढ़ा जिसे स्वीकार कर लिया गया |
वन्दे मातरम्! सुजलाम, सुफलाम् मलयज-शीतलाम्
शस्यश्यामलाम् मातरम् वन्दे मातरम्
शुभ्र ज्योत्स्ना पुलकितयामिनीम् फुल्लकुसुमित द्रुमदल
शोभिनीम्
सुहासिनीम् सुमधुरभाषिणीम्
सुखदाम्, वरदाम्, मातरम्!
वन्दे मातरम् वन्दे मातरम्
भारत का राष्ट्रीय पशु - बाघ
09 जुलाई 1969 में वन्यजीव बोर्ड ने शेर को देश का राष्ट्रीय पशु घोषित किया
|1972 तक भारत का राष्ट्रीय पशु सिंह (Lion)
ही था परन्तु भारत में केवल गुजरात में सिंह पाये जाते हैं, इसलिए सिंह से राष्ट्रीय पशु का
दर्जा वापस ले लिया गया और भारत के राष्ट्रीय पशु के रुप में
बाघ या रॉयल बंगाल टाइगर को अप्रैल 1973 में घोषित किया गया|
इसके शरीर पर चमकदार
पीली पट्टी होती है और अत्यंत शक्तिशाली, तेज फुर्ती और शक्ति मज़बूती और
भारत के गर्व का प्रतीक है| इसका वैज्ञानिक नाम 'पैन्थरा टाईग्रिस' है.
भारत का राष्ट्रीय फूल - कमल
1857 के स्वतंत्रता संग्राम में रोटी
और खिलता हुआ कमल प्रतीक चिन्ह के रूप में शामिल था इसी कारण कमल को भारत के
राष्ट्रीय फूल के रुप में अंगीकृत किया| इस का वैज्ञानिक नाम नील्यूम्बो
न्यूसीफेरा (Neumbo nucifera ) है|
यह फूल भारत के पारंपरिक मुल्यों और सांस्कृतिक गर्व को प्रदर्शित करता है|
साथ ही साथ ये उर्वरता, ज्ञान, समृद्धि, सम्मान, लंबी आयु, अच्छी किस्मत, दिल और दिमाग की सुंदरता को भी
दिखाता है|
भारत का राष्ट्रीय फल -आम
इस फलों का राजा आम का वैज्ञानिक नाम मेंगिफेरा इंडिका है, यह भारत
में पहाड़ी क्षेत्रों छोड़कर लगभग सभी स्थलों पर पैदा होता है| लगभग चार हजार वर्ष पहले भारत में ही सर्वप्रथम आम के
पेड़ की बागवानी शुरू हुई थी| इस की अनेक किस्मो में विटामिन A, B और C प्रचुर मात्रा में पायी जाती है|
वेदों में आम को विलासिता का प्रतीक माना गया है|आम को पकिस्तान व फिलीपींस में भी
राष्ट्रीय फल माना जाता है| आम का पेड़ बांग्लादेश
का राष्ट्रीय वृक्ष भी है|
भारत का राष्ट्रीय पक्षी - मोर
भारत सरकार ने 26 जनवरी 1963 में मोर जिसका वैज्ञानिक नाम पावो
क्रिस्टेसस है, को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया| यह रंग बिरंगी
पक्षी एकता के सजीव रंगों और भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित कर सुन्दरता, गर्व और पवित्रता को भी दिखाता है|
भारतीय वन्यजीव (सुरक्षा) की धारा 1972 के तहत संसदीय आदेश पर इसे सुरक्षा
प्रदान की गयी है.
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भारत का राष्ट्रीय खेल - हॉकी
हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल तब से माना जाता है, जबसे भारत ने
ओलिंपिक में हॉकी के खेल में लगातार 6 गोल्ड मैडल सहित कुल 8 गोल्ड मैडल
1 सिल्वर मैडल और 2
ब्रोंज
मैडल जीते थे| एम्स्टर्डम 1928 लोंस
एंजिल्स 1932 बर्लिन 1936 इंग्लैंड 1948 हेलसिंकी 1952
मेलबर्न 1956, टोक्यो 1964, मोस्को
1980
भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव - डॉल्फिन
भारत सरकार ने 5 अक्टूबर 2009 तक
किसी भी जलचर को राष्ट्रीय जीव घोषित नहीं किया था पर 18 मई 2010 को
गंगा नदी के मीठे पानी की डॉल्फिन जिसका वैज्ञानिक नाम प्लैटिनिस्ट गंगेटिका
है, को भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने डॉल्फिन राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया|
भारत में गंगा एवं चंबल नदी के अलावा पाकिस्तान में सिंधु नदी में
फूला, चीन में यांग्त्जे नदी में बाजी और ब्राजील के अमेजन नदी में वीटों के
नाम से डॉल्फिन की प्रजाति पाई जाती है| इसे गंगा का टाइगर भी कहा जाता है| गंगा में पाई जाने वाली डॉल्फिन
दृष्टिहीन होती है इनकी आंखों में लेंस नहीं होते हैं|मादा डॉल्फिन
की लंबाई भी अधिक होती है|डॉल्फिन का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है|
भारत का राष्ट्रीय वक्ष - वट वृक्ष
कई औषधीय गुणों से युक्त तथा हिन्दू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व के
इस वट वृक्ष भी को जिसका वैज्ञानिक नाम फाइकस बेन्घेलेंसिस है,को भारत का राष्ट्रीय वृक्ष 1950 में घोषित किया गया |जो एकता,अमरता और दृढ़ता का प्रतीक है| जिस
प्रकार भारत के विभिन्न धर्म व जाति के लोग एक साथ निवास करते हैं उसी प्रकार बरगद
के पेड़ की शाखाओं पर छोटे व बड़े जन्तु एक साथ निवास
करते हैं|
भारत की राष्ट्रीय मुद्रा - रुपया
भारतीय रूपया जिसको नए चिन्ह ₹ के आने से पहले हिंदी में
दर्शाने के लिए Re (1रुपया), Rs और Rp का प्रयोग किया जाता था | इसका बाज़ार नियामक और जारीकर्ता
भारतीय रिज़र्व बैंक है|इसका आधिकारिक रुप से प्रयोग भारत,नेपाल और भूटान तथा अनाधिकारिक
प्रयोक्ता ज़िंबाबवे है| भारत गणराज्य की करेंसी भारतीय रुपया (चिन्ह ₹ ISO code: INR) है|
अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउंड, जापानी येन एवं यूरोपीय यूरो के बाद भारतीय मुद्रा विश्व की पांचवी
ऐसी मुद्रा है जिसका अपना अलग पहचान चिन्ह है|
मुंबई आईआईटी के पोस्ट ग्रेजुएट उदय कुमार धर्मलिंगम ने इस भारतीय
राष्ट्रीय मुद्रा की डिजाइन 15 जलाई 2010 को किया है| 8 जुलाई 2011 को रुपये के चिन्हों के साथ भारत
में सिक्कों की शुरुआत हुई थी."
भारत की राष्ट्रीय नदी - गंगा
भारत सरकार ने 4 नवंबर 2008 में गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित
किया है,यह नदी भारत की सबसे लम्बी और पवित्र नदी है जो कि 2510 कि.मी तक बहती हुई पांच राज्यों से होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश
करती हुई अंत मे बंगाल की खाड़ी में गिरती है| इसका उदगम स्थल गंगोत्री हिमनद के
गोमुख नामक स्थान है| इसकी सहायक नदियां यमुना, सोन, टोंस, पुनपुन, गोमती, घाघरा, गंडक,कोसी और महानंदा है| गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने के
लिए 2009 में राष्ट्रीय गंगा बेसिन प्राधिकरण का गठन किया गया| गंगा नदी
का बहत बड़ा धार्मिक महत्व रहा है
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राष्ट्रीय कैलेंडर - शक कैलेंडर
भारतीय राष्ट्रीय पंचांग (संक्षिप्त नाम - भारांग) शक संवत पर आधारित
भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर है| इसे 22 मार्च 1957 (भारांग : 1 चैत्र 1879) को राष्ट्रीय कैलेंडर के रूप में अपनाया गया था| यह कैलेंडर 22 मार्च से शुरू होता है और इसमें
सामान्य वर्ष की तरह 12 महीने या 365 दिन होते हैं| चैत्र भारतीय राष्ट्रीय पंचांग का प्रथम माह होता है | एक अधिवर्ष में, शुरुआती दिन 21 मार्च है.
राष्ट्रीय सरीसृप -किंग कोबरा
भारत का राष्ट्रीय सरीसृप किंग कोबरा है,यह दुनिया का सबसे लंबा
विषैला सांप है जो 19 फीट तक बढ़ सकता है और 25 साल तक जीवित रह सकता है, एक बार के काटने में, किंग कोबरा 20 लोगों या एक हाथी को मार सकता है, यह वर्षा वनों और मैदानों में
रहता है, यह दुनिया का एकमात्र सांप है जो अपने अंडों के लिए घोंसले बनाता है और उन्हें तब तक पालता है जब तक कि वे अंडे से बाहर नहीं
आते|
राष्ट्रीय धरोहर पशु ----- हाथी
भारतीय हाथी भारत का राष्ट्रीय धरोहर पशु है,भारतीय हाथी मुख्य रूप
से एशिया का मूल निवासी है|
राष्ट्रीय विदेश नीति----- गुटनिरपेक्षता
राष्ट्रीय मिठाई----- जलेबी
राष्ट्रीय सूचना पत्र----- श्वेत पत्र
राष्ट्र माता------ मदर टेरेसा
राष्ट्रीय पुस्तक----- गीता
राष्ट्रीय पर्वत----- नंदा देवी
राष्ट्रीय सब्जी----- कद्दू
राष्ट्रीय जलीय सरीसृप ----- घड़ियाल
राष्ट्रीय भोजन ----खिचड़ी
राष्ट्रीय तितली----- कृष्णा पिकाक,नार्दन जंगल क्वीन,कॉमन जेजेबेल,फाइव
बार स्वार्डटेल,येलो गोरगोन,ऑरेंज ओकलीफ और कॉमन नवाब ये प्रजातियाँ नेशनल
बटरफ्लाई बनने की दौड़ में सबसे आगे है |2021
में नाम की घोषणा हो सकती है
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भारत का राष्ट्रीय दिवस या राष्ट्रीय त्यौहार - गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) गांधी जयंती (2अक्टूबर)
15 अगस्त को हर साल स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1947 में भारतीयों को ब्रिटीश शासन से आजादी मिली थी|
26 जनवरी 1950 को भारत को अपना संविधान प्राप्त
हआ था इसलिये इस दिन को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है|
हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनायी
जाती है क्योंकि इसी दिन गाँधी का जन्म हुआ था|
राष्ट्रीय शपथ
भारतीय राष्ट्रीय प्रतिज्ञा भारत गणराज्य के प्रति निष्ठा की शपथ है।
इसका विशेष रूप से स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान स्कूलों में एवं अन्य स्थलों पर आयोजित सार्वजानिक समारोहों पर एक सुर
में उच्चार किया जाता है।
राष्ट्रीय शपथ
भारत मेरा देश है, सभी भारतीय मेरे भाई-बहिन है, मै अपने देश से
प्यार करता हूँ और मुझे इसकी समृद्ध विविध विरासत पर गर्व है , मैं सदैव इसके
योग्य बनने के लिए प्रयत्न करता रहूँगा। मैं अपने माता-पिता,गुरुजन तथा समस्त बड़ो का सम्मान करूँगा तथा प्रत्येक व्यक्ति के साथ शिष्टता से व्यवहार करूँगा।
मैं सभी जानवरों का सम्मान करता हूँ,और अपने देश तथा देशवासियो के प्रति निष्ठा
बनाए रखने की प्रतिज्ञा करता हूँ। मेरी प्रसन्नता केवल उनके कल्याण और
समृद्धि मे ही निहित है।
जय हिन्द!
उपर्युक्त राष्ट्रीय शपथ को तेलगु में प्यिदीमर्री वेंकट सुब्बाराव
द्वारा 1962 में लिखा गया था |सर्वप्रथम 1963 में विशाखापत्तनम के एक स्कूल में
निष्ठा की शपथ ली गई थी | इसे 26 जनवरी 1965 से सभी स्कूलों में निर्धारित रूप
से गाये जाने का प्रावधान बनाया गया है|
Thanks a lot
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