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GENERAL FACTS OF PHYSICS BY EDUTECHANURAG


एक पिंड नियत चाल से वक्र पथ पर गतिमान है तो  पिंड के त्वरण की दिशा पिंड की गति के लंबवत होती है
वृत्तीय पथ पर समान चाल से गतिमान पिंड पर त्वरण लगातार गति की दिशा बदलने के कारण उत्पन्न होता है
गैस के अणुओं की गति अनियमित होती है
एक ट्रेन जैसे ही चलना प्रारंभ करती है उसमें बैठे हुए यात्री का सिर पीछे की ओर झुक जाता है ऐसा गति के जड़त्व के कारण होता है
तेल से अंशत: भरा हुआ टैंकर समतल सड़क पर एक समान त्वरण से जा रहा है तो तेल का मुक्त पृष्ठ तनाव बल के कारण परवलय के आकार का हो जाएगा
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर निश्चित कक्षा में चक्कर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण लगाती है वृत्तीय गति करते हुए पिंड की चाल तथा पथ की त्रिज्या दोनों को दोगुना कर देने पर अभिकेंद्रीय बल में दोगुना परिवर्तन होगा
पृथ्वी पर ऊर्जा का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत सौर ऊर्जा है
सौर ऊर्जा का रूपांतरण रासायनिक ऊर्जा में प्रकाश संश्लेषण के समय होता है
किसी वस्तु का जड़त्व द्रव्यमान पर निर्भर करता है
सूर्य से पृथ्वी की दूरी 6 मिलियन  किलोमीटर है प्रकाश वर्ष दूरी की इकाई है
प्रकाश वर्ष 1 वर्ष में प्रकाश द्वारा तय की जाने वाली दूरी है
यदि पृथ्वी की त्रिज्या एक प्रतिशत घटा दि जाये तो गुरुत्वीय त्वरण बढ़ जाएगा किसी पिंड का भर पृथ्वी के ध्रुवों  पर अधिकतम होता है
ब्रह्मगुप्त ने न्यूटन से पूर्व ही बता दिया था कि सभी वस्तुएं पृथ्वी की ओर आकर्षित होती हैं
ग्रहों की गति के नियम केप्लर ने  प्रतिपादित किया
किसी उपग्रह को ग्रह के परित: घूमने हेतु अभिकेंद्रीय बल ग्रह के गुरुत्वाकर्षण बल से प्राप्त होता है
न्यूटन के गति के प्रथम नियम से बल की परिभाषा प्राप्त होती है
यदि 2 वस्तुओं के बीच की दूरी आधी कर दी जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल पहले से 4 गुना हो जाएगा
गुरुत्वाकर्षण बल का उल्लेख न्यूटन ने अपनी प्रिंसिपिया नामक पुस्तक में किया है पृथ्वी तल के  अति निकट चक्कर लगाने वाले उपग्रह की कक्षीय  चाल लगभग 8 किलोमीटर/सेकंड होती है
पृथ्वी के अति निकट चक्कर लगाने वाले उपग्रह  का परिक्रमण काल एक घंटा 24 मिनट होता है
यदि पृथ्वी अपनी वर्तमान कोणीय चाल से 17 गुनी अधिक चाल से घूमने लगे तो भूमध्य रेखा पर रखी वस्तु का भार शून्य हो जाएगा
प्रकाश ऊर्जा का संचरण निर्वात में विद्युत चुंबकीय तरंगों के रूप में होता है
प्रकाश का सर्वाधिक वेग निर्वात में होता है
प्रकाश किरणों  की प्रकृति दोहरी अर्थात तरंग और कण  दोनों के समान होती है
प्रकाशीय गेज प्रकाश के परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करता है
प्रकाश के कणिकाका सिद्धांत  सर्वप्रथम न्यूटन ने दिया
 प्रकाश का वेग सर्वप्रथम रोमर ने मापा
सूर्य से पृथ्वी तक प्रकाश पहुंचने में लगभग 5 सौ सेकंड का समय( 8:00 मिनट 20 सेकंड) लगता है
सूर्योदय से कुछ मिनट पूर्व ही  अर्थात क्षितिज से नीचे होने पर भी सूर्य के दिखाई पड़ने का कारण प्रकाश का अपवर्तन है
मृग मरीचिका प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण होता है
एंडोस्कोप (आंतरिक पेट का परीक्षण करने वाला उपकरण ) प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करता है
तंतु प्रकाश की पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करता है
वायुमंडल में प्रकाश का विसरण वायुमंडल में धूल कणों की उपस्थिति के कारण होता है
अंतरिक्ष से आकाश का रंग काला दिखाई देता है
समुद्र का रंग नीला आकाश के परावर्तन तथा जल के कणों  द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण होता है
प्रकाश किरणों के प्रकीर्णन के अध्ययन के लिए सर सी वी रमन को नोबेल पुरस्कार मिला था
सर्वाधिक तरंग प्रकाश के लाल रंग के प्रकाश का होता है
किसी प्रिज्म से गुजरने पर बैंगनी रंग की प्रकाश किरण सबसे अधिक अपरिवर्तित होती है
प्रकाश के रंग का निर्धारक प्रकाश का तरंग दैर्ध्य है
यदि किसी दर्पण को 0 कोण से घुमा दिया जाए तो परावर्तित किरण 20 अंश से घूम जाएगी
वह काल्पनिक रेखा जो फोकस एवं पोल से गुजरते हुए गोलाकार दर्पण पर पड़ती है प्रिंसिपल अक्ष कहलाती है
सफेद पर्दे पर छाया वास्तविक और बड़ी बनती है
प्रकाश की गति 3 x10 8 मीटर/से.होती है
दो समतल दर्पणों के बीच स्थित वस्तु से अनंत प्रतिबिंब बनते हैं
दाढ़ी  बनाने हेतु अवतल दर्पण का प्रयोग किया जाता है
सूर्य से आने वाली प्रकाश किरणों को अवतल दर्पण की सहायता से एक बिंदु पर केंद्रित किया जा सकता है
एक अवतल दर्पण की वक्रता केंद्र से होकर दर्पण पर आपतित किरण के लिए आपतन कोण का मान 0 अंश होगा
वाहनों में पीछे का दृश्य देखने के लिए चालक के बगल में उत्तल दर्पण लगा रहता है जल में वायु का बुलबुला अवतल लेंस की भांति व्यवहार करता है
कैमरे में का प्रयोग करते हैं उत्तल लेंस की क्षमता धनात्मक तथा अवतल लेंस की क्षमता ऋणात्मक होती है
 दो स्वतंत्र  प्रकाश स्रोतों से निकली प्रकाश तरंगों में व्यतिकरण की घटना नहीं पाई जाती है
प्रकाश तरंगों का प्रकाशीय प्रभाव केवल विद्युत क्षेत्र के कारण होता है
रेटिना की शंकु कोशिका से रंग का एवं रॉड कोशिका से प्रकाश की तीव्रता का आभास होता है
जब आँख में  धूल जाती है तो उसका नेत्र-श्लेष्मता अंग  सूज जाता है और लाल हो जाता है
आंख के रंग से मतलब आईरिस के  रंग से होता है
राडार शत्रु के वायुयानो का पता लगाने के लिए रेडियो तरंगों का प्रयोग करता है आती हुई कार की चाल को मापने के लिए यातायात अधिकारी उस पर सूक्ष्म तरंगों की किरणें डालता है
श्रव्य ध्वनि तरंगों की आवृत्ति का परास रेंज 20  हर्ट्ज़ से 20000 हर्ट्ज़ होता है
यांत्रिक/ध्वनि तरंगे  शून्य में संचरित नहीं  होती है
वातावरण में ध्वनि की तीव्रता नापने में डेसीबल इकाई का प्रयोग किया जाता है मनुष्य के लिए मानक ध्वनि स्तर 30-60 डेसीबल होता है
ध्वनि अनुदैर्ध्य तरंगों के रूप में यात्रा करती है
चमगादड़ पराश्रव्य ध्वनि उत्पन्न करता है
डेसीबल ध्वनि की तीव्रता की इकाई है
ध्वनि तरंगों में ध्रुवण की घटना नहीं होती है
जब हमें ध्वनि सुनाई पड़ती है तो हम इसके स्रोत का अनुमान ध्वनि की तीव्रता से अनुमान लगा सकते हैं
ध्वनि तरंगों की गति लंबवत होती है
पराश्रव्य की आवर्ती 20000 हर्ट्ज़ से ऊपर होता है
जब ध्वनि तरंगे चलती है तो यह अपने साथ द्रव्यमान को भी ले जाती है
ध्वनि तरंगों का विवर्तन ध्वनि का अवरोध के किनारे से मुड़ कर आगे बढ़ना होता है
ध्वनि स्त्रोत और श्रोता के मध्य आपेक्षिक गति के कारण आभासी आवृत्ति में परिवर्तन “डॉप्लर प्रभाव” है
किसी माध्यम  का ताप बढ़ने पर उस माध्यम में प्रकाश का वेग अपरिवर्तित जबकि ध्वनि का वेग बढ़ जाएगा
किसी माध्यम में समान आवृत्ति की एक ही दिशा में गतिमान तरंगों में होने वाला उर्जा का पुनः वितरण व्यतिकरण कहलाता है
स्टेथोस्कोप ध्वनि के सिद्धांत पर कार्य करता है
किसी वस्तु की गति और उसी माध्यम में ध्वनि की गति का अनुपात ज्ञात करने में मैक संख्या का प्रयोग किया जाता है
ध्वनि तरंगों के एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करने पर आवृति में कोई परिवर्तन नहीं होता
ध्वनि का तारत्व आवृति पर निर्भर करता है
अनुदैर्ध्य तरंगों का ध्रुवण नहीं होता है
जिन ध्वनि तरंगों की आवृत्ति 20 हर्ट्ज़  से कम होती है उन्हें अपश्रव्य तरंगे कहते हैं पुल पर सैनिकों को कदमताल करने से पुल के टूटने का खतरा रहता है क्योंकि अनुनादी अवस्था उत्पन्न होने से पुल के कंपन का आयाम  बढ़ जाता है
पराध्वनिक विमान जो प्रघाति तरंगे पैदा करते हैं उनको ध्वनि बूम कहते हैं
 ध्वनि की गुणता के कारण हम अपने मित्रों की आवाज सुनकर पहचान लेते हैं सामान्य तीव्रता  तथा तारतत्व की ध्वनि में अंतर गुणता कहलाता है
पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की आवाज का तारत्व अधिक होता है
इको साउंडिंग  तकनीक का प्रयोग सागर की गहराई नापने में किया जाता है
 स्पष्ट प्रतिध्वनि सुनने के लिए ध्वनि का परावर्तन करने वाली सतह तथा श्रोता के बीच न्यूनतम दूरी 17.2 मी.होना चाहिए
दो वस्तुओं के बीच ऊष्मा के प्रवाह को निर्धारित करने वाली भौतिक राशि ताप कहलाती है
द्रव्य के अणुओं की औसत गतिज  ऊर्जा से द्रव्य का ताप व्यक्त होता है
न्यून तापमानो के अध्ययन को  निम्न तापिकीय कहते हैं
- 40 डिग्री तापमान पर सेल्सियस एवं  फॉरेनहाइट दोनों पर समान पाठयांक होगा न्यूनतम संभव ताप -273.15 डिग्री सेल्सियस होता है
परम शून्य ताप को न्यूनतम  संभव ताप कहते हैं
एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर का ताप 4 0F होता है
 तापयुग्म, तापमापी सिबेक प्रभाव के सिद्धांत पर कार्य करता है
 क्रायोजेनिक निम्न तापमान से संबंधित है
 केल्विन पैमाने पर जल का क्वथनांक 373K होगा
कैलोरीमीटर प्राय: तांबे का ही बनाया जाता है क्योंकि तांबा ऊष्मा का अच्छा चालक है तथा किसी भी ताप का जल उसमें डालने पर शीघ्र ही समान रूप से पूरे कैलोरीमीटर में फैल जाता है
 कभी-कभी जाड़े में पाला पड़ने पर पौधों के तने से फट जाते हैं क्योंकि पाला पड़ने पर तनों के अंदर का जल जमकर बर्फ बन जाता है और बर्फ का आयतन  जल के आयतन से अधिक होता है
जल का आयतन प्रत्यास्थता गुणांक 7x10-5प्रति केल्विन होता है
पानी के किसी द्रव्यमान को 0 डिग्री सेल्सियस से 10 डिग्री सेल्सियस तक गर्म करने से उसका आयतन 0 डिग्री सेल्सियस से 4 डिग्री सेल्सियस तापमान तक घटेगा फिर उसके बाद बढ़ने लगेगा
पानी के गिलास में एक बर्फ का टुकड़ा तैर रहा है जब बर्फ पिघलती है तो पानी स्तर  उतना ही रहेगा
केल्विन स्केल में मानव शरीर का सामान्य तापमान 310 k होता है
जल का अधिकतम घनत्व 277k होता है
ठोस में ऊष्मा का संचरण चलन विधि द्वारा होता है
जलवाष्प में भंडारित ऊष्मा गुप्त ऊष्मा है
संघनन वाष्प का द्रव्य में परिवर्तन है
जब पानी में नमक मिलाया जाता है तो क्वथनांक बढ़ता है और जमाव बिंदु घटता है
पारा ऊष्मा का सर्वोत्तम सुचालक है
जल का घनत्व अधिकतम 4 डिग्री सेल्सियस ताप पर होता है
एक किलो कैलोरी ऊष्मा  18 x 103 जूल कार्य के तुल्य होती है
निम्न तपिकी में उत्पन्न निम्न ताप रुद्धोष्म प्रक्रम द्वारा प्राप्त होता है
ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को सुखी बर्फ कहते है
आदर्श गैस की आंतरिक ऊर्जा केवल ताप पर निर्भर करती है
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम ऊर्जा संरक्षण अवधारणा की पुष्टि करता है
एक आदर्श गैस को स्थिर ताप पर संपीड़ित किया जाता है तो उसकी आंतरिक ऊर्जा अपरिवर्तित रहेगी
सूर्य के प्रकाश की उर्जा पृथ्वी तक विकिरण द्वारा पहुंचती है
बादल आच्छादित रातें  स्वच्छ आकाश वाली रातों से अधिक गर्म होती है क्योंकि बादल पृथ्वी तथा हवा से ऊष्मा का विकिरण रोकता है
पारे का हिमांक 39 डिग्री सेल्सियस तथा क्वथनांक 357 डिग्री सेल्सियस होता है
पारा एवं गैलियम धातु साधारण ताप पर द्रव अवस्था में होता है
मानव के स्वास्थ्य के लिए अनुकूलतम आपेक्षित आद्रता 60-65 % होती है
किसी पदार्थ को गुप्त ऊष्मा देने से उसकी स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि होती है
ताप बढ़ने पर आपेक्षित आद्रता बढ़ जाता है
अपेक्षित आद्रता मापने के लिए हाइग्रोमेटेर नामक यंत्र का इस्तेमाल करते हैं
विद्युत आवेश का मात्रक कूलाम है
आवेश अदिश राशि है
आवेशन की क्रिया में इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है
आवेशों के लिए ऋणात्मक एवं धनात्मक पिंडो का प्रयोग सर्वप्रथम बेंजामिन फ्रैंकलीन ने किया था
धातुओं में विद्युत चालकता की क्रिया मुक्त इलेक्ट्रॉनों के कारण होती है
सबसे अच्छा चालक चांदी होता है
विभव आवेश का मात्रक जूल/कूलाम या वोल्ट होता है
तड़ित चालक बनाने में तांबा धातु का प्रयोग करते हैं
विद्युत धारा अदिश राशि है
विद्युत सेल में रासायनिक ऊर्जा का रूपांतरण विद्युत ऊर्जा में होती है
प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में बदलने के लिए रेक्टिफायर का उपयोग होता है 
ठोस अवस्था में विद्युत धारा प्रवाहित करने वाला अधातु ग्रेफाइट है
तड़ित से वृक्ष में आग विद्युत ऊर्जा के कारण लगती है
थर्मोस्टेट का प्रयोजन तापमान को स्थिर रखना होता है
विद्युत प्रतिरोधकता या विशिष्ट प्रतिरोध का एस. आई.मात्रक ओम-मीटर है
हेनरी स्वप्रेरकत्व की इकाई है
किसी अर्धचालक का प्रतिरोध गर्म करने पर घटता है
गैल्वेनोमीटर के द्वारा धारा का पता लगाया जाता है
अतिचालकता का प्रतिरोध शून्य होता है
ऑक्सीजन अनुचुंबकीय है
 विद्युत परिपथ में विद्युत धारा की उपस्थिति बताने वाला यंत्र धारामापी है
ओम का नियम केवल धात्विक चालकों हेतु सत्य है
अतिचालक बनाने के लिए सीसा एवं पारा सर्वोत्तम धातुएं है
विद्युत धारा का मान चार्ज/समय पर निर्भर करता है
किसी चालक तार के प्रतिरोध का तापमान बढ़ाने से बढ़ता है किसी अर्धचालक को गर्म करने पर उसका प्रतिरोध घटता है
विद्युत अपघटन का नियम फैराडे ने दिया था
 किसी चुंबक का अधिकतम चुंबकत्व उसके ध्रुवो पर होता है
 चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक एंपियर/मीटर गौस, टेस्ला इत्यादि होता है
मुक्त रूप से निलंबित चुंबकीय सुई उत्तर-दक्षिण दिशा में रूकती है
  विद्युत् उत्पादन केंद्रों पर उत्पादित विद्युत प्रत्यावर्ती धारा होता है
परमाणु बम  नाभिकीय विखंडन पर आधारित है
सौर ऊर्जा का मुख्य कारक नाभिकीय संलयन है
यूरेनियम विखंडन की सतत प्रक्रिया को जारी रखने में न्यूट्रान कण की जरूरत होती है
परमाणु बम में प्रायः यूरेनियम या प्लूटोनियम का प्रयोग किया जाता है
इंदिरा गांधी आण्विक अनुसंधान केंद्र तमिलनाडु में स्थित है
कार्बन डेटिंग का प्रयोग फॉसिल्स की उम्र निर्धारित करने के लिए किया जाता है कलपक्कम के फास्ट ब्रीडर रिएक्टर में गलित सोडियम का प्रयोग किया जाता है 235U92 के एक विखंडन में औसत रूप से 3 न्युट्रानो का उत्सर्जन होता है
 न्यूट्रॉन की खोज चैडविक ने की
क्यूरी रेडियो सक्रियता की इकाई है
ऑटोहान ने अणुबम की खोज नाभिकीय विखंडन के सिद्धांत पर की
कलपक्कम(तमिलनाडु) स्थित परमाणु ऊर्जा संस्थान का नाम इंदिरा गांधी सेंटर फॉर एटॉमिक रिसर्च है
भारत का प्रथम परमाणु अनुसंधान रिएक्टर अप्सरा है
तारे अपनी उर्जा नाभिकीय संलयन एवं गुरुत्वीय संकुचन द्वारा प्राप्त करते हैं यूरेनियम के रेडियो एक्टिव विघटन के फलस्वरुप अंततः सीसा बनता है
 भारत का प्रथम परमाणु संयंत्र तारापुर परमाणु विद्युत संयंत्र  है
हाइड्रोजन बम ड्युटिरियम के नाभिकीय संलयन की अनियंत्रित अभिक्रिया पर कार्य करता है
रेडियम का आविष्कार मैरी क्यूरी ने किया
थोरियम का मुख्य स्रोत मोनाजाइट है
कलपक्कम फ़ास्ट ब्रीडर रिएक्टर में शीतलक के रूप में गलित सोडियम का प्रयोग किया जाता है
परमाणु रिएक्टर एक प्रकार की भट्टी है जिसमें रेडियोधर्मी समस्थानिको का विखंडन कर ऊर्जा प्राप्त की जाती है
ताप बढाने पर अर्धचालक की चालकता बढ़ जाती है
अर्ध चालको की चालकता कुचालको से ज्यादा और सुचालकों से कम होती है
अर्ध चालको की चालकता ताप वृद्धि द्वारा अथवा कोई उपयुक्त अशुद्धि मिलाकर बढ़ाई जा सकती है
कृत्रिम उपग्रहों में विद्युत ऊर्जा का अक्षय स्रोत सौर सेल है
सौर सेल सिलिकॉन की बनी होती है
सौर सेलो का सर्वाधिक महत्वपूर्ण लाभ प्रदूषण मुक्त अक्षय ऊर्जा का स्रोत है
 किसी धातु का कार्यफलन किसी धातु की सतह से इलेक्ट्रॉनों को बाहर निकलने के लिए आवश्यक न्यूनतम गतिज ऊर्जा है
कैथोड किरणों की खोज जे.जे. थॉमसन ने की
प्रकाश विद्युत प्रभाव की खोज हेनरी हर्ट्ज़ ने  
आइन्स्टीन को नोबेल पुरस्कार प्रकाश विद्युत प्रभाव की व्याख्या करने हेतु दिया गया था
सर्वप्रथम लेज़र की खोज थियोडोर मेमैन ने किया
राडार के आविष्कार का श्रेय रॉबर्ट वाटसन वाट को प्राप्त है
सर्वप्रथम मेसर बनाने का श्रेय गीगर,गार्डन एवं टाउंस नामक वैज्ञानिकों को प्राप्त है ट्रांसफार्मर विद्युत चुंबकीय प्रेरण के नियम पर कार्य करता है

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