विश्व के अंतरिक्ष अन्वेषण मिशन
image source - pixabay
⏺ 1. लुना कार्यक्रम (Luna
Programme)
▶यह ऑर्बिटर या लैंडर के रूप में विकसित 1959 और 1976 के बीच चंद्रमा पर भेजे गए सोवियत संघ के मानव रहित अंतरिक्ष मिशन की एक
श्रृंखला थी।
⏺ 2. प्रोजेक्ट अपोलो (Project Apollo)
▶यह संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अपोलो अंतरिक्ष यान और सैटर्न लॉन्च वाहन
का उपयोग करके 1961-1972
के बीच किए गए मानव
अंतरिक्ष-प्रकाश मिशनों की एक श्रृंखला थी।
▶1961 में अपोलो के समर्थन में स्पेस फ्लाइट क्षमता बढ़ाने के लिए दो व्यक्ति
परियोजना जैमिनी द्वारा पहले उड़ान भरने वाला यह तीसरा अमेरिकी मानव अंतरिक्ष
कार्यक्रम था।
▶इस मिशन के पहले अंतरिक्ष अभियान के दल में नील आर्मस्ट्रांग, माइकल कोलिन्स और बज़ एल्ड्रिन थे। चंद्रमा पर
चलने वाला पहला व्यक्ति नील आर्मस्ट्रांग था।
⏺ 3. वाइकिंग कार्यक्रम (Viking
Programme)
▶नासा ने 1975
में इस कार्यक्रम को
चलाया था तथा इस मिशन में वाइकिंग 1 और वाइकिंग 2 नामक अंतरिक्षयान का प्रयोग किया था। ▶दोनो ही खोजी अंतरिक्ष यान
ने मंगल ग्रह के कक्षा में प्रवेश किया था तथा प्रत्येक ने एक लैंडर मॉड्यूल जारी
किया था ताकि मंगल ग्रह की सतह पर भविष्य में सफल लैंडिंग की जा सके।
⏺ 4. फोबोस कार्यक्रम (Phobos
Programme)
▶यह सोवियत संघ द्वारा मानव रहित अंतरिक्ष मिशन था जिसको मंगल ग्रह और उसके
चंद्रमा फोबोस और डीमोस का अध्ययन करने के लिए भेजा गया था।
⏺ 5. मंगल ग्लोबल सर्वेक्षक (Mars
Global Surveyor)
▶मंगल ग्रह पर अध्ययन के लिए 12 नवंबर,
1997 में लॉन्च किया गया था।
▶मंगल ग्लोबल सर्वेक्षक ने 31 जनवरी 2001
को अपना प्राथमिक मिशन
पूरा कर दिया था,
और अब एक विस्तारित
मिशन चरण में है।
⏺ 6. मंगल पाथफाइंडर (Mars
Pathfinder)
▶यह अंतरिक्ष यान 4
जुलाई 1997 को मंगल ग्रह के उत्तरी गोलार्ध में एरेस
वालिस नामक प्राचीन बाढ़ के मैदान पर उतरा था। इसने ▶सोजोरनर नामक एक छोटे
से रिमोट-नियंत्रित रोवर को मंगल ग्रह पर स्थापित कर दिया था जिसका मुख्य लक्ष्य
था लैंडिंग साइट के आस-पास कुछ मीटर की यात्रा करना, आस-पास की स्थितियों और सैंपलिंग चट्टानों की
खोज करना।
⏺ 7. मंगल ओडिसी (Mars
Odyssey)
▶यह नासा द्वारा विकसित मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला एक रोबोट अंतरिक्ष
यान है।
▶यह मूल रूप से मंगल सर्वेक्षक 2001 कार्यक्रम का एक घटक था, और इसे मंगल सर्वेक्षक 2001 ऑर्बिटर नाम दिया गया था।
▶इसका उद्देश्य मंगल ग्रह सर्वेक्षक 2001 लैंडर के रूप में जाने वाला एक साथी अंतरिक्ष यान होना था, लेकिन 1999 के अंत में मंगल ग्रह जलवायु ऑर्बिटर और मंगल ध्रुवीय लैंडर की असफलताओं के बाद मई 2000 में लैंडर मिशन रद्द कर दिया गया था।
▶इसके बाद,
अंतरिक्ष अन्वेषण के
दृष्टिकोण के लिए एक विशिष्ट श्रद्धांजलि के रूप में 2001 मंगल ओडिसी का नाम चुना गया था।
⏺ 8. मंगल एक्सप्रेस (Mars
Express)
▶यह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा आयोजित एक अंतरिक्ष अन्वेषण मिशन है जो
फ़िलहाल यह मंगल ग्रह पर खोज कर रहा है, और एजेंसी द्वारा प्रयास किया जाने वाला पहला ग्रह मिशन है।
▶"एक्सप्रेस"
मूल रूप से गति और दक्षता को संदर्भित करता है। इस अंतरिक्ष यान में मर्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर
और लैंडर बीगल 2
शामिल हैं।
⏺ 9. मंगल अन्वेषण रोवर्स (Mars
Exploration Rovers)
▶यह मंगल ग्रह पर खोज के लिए नासा द्वारा लॉन्च किया गया था।
▶यह 3 जनवरी 2004 को मंगल ग्रह पर गुसेव क्रेटर नामक स्थान पर सफलतापूर्वक उतरा था।
⏺ 10. मंगल ग्रह रिकोनिसेंस ऑर्बिटर (Mars
Reconnaissance Orbiter)
▶इसे 12
अगस्त 2005 को दो साल के लिए मंगल ग्रह पर वैज्ञानिक
सर्वेक्षण के लिए भेजा गया था।
⏺ 11. वेनेरा मिशन (Venera
Mission)
▶यह जांच की एक श्रृंखला थी जिसे वीनस से डेटा एकत्र करने के लिए यूएसएसआर
द्वारा विकसित किया गया था।
▶दूसरे ग्रह के वातावरण में प्रवेश करने के लिए; किसी अन्य ग्रह पर लैंडिंग करने के लिए; ग्रह की सतह से छवियों को वापस करने और शुक्र
के उच्च-रिज़ॉल्यूशन रडार मैपिंग अध्ययन करने के लिए यह पहला मानव निर्मित उपकरण
था।
⏺ 12. वेगा कार्यक्रम (Vega
program)
▶यह दिसंबर 1984
में सोवियत संघ और
ऑस्ट्रिया,
बुल्गारिया, फ्रांस, हंगरी,
जर्मन डेमोक्रेटिक
रिपब्लिक,
पोलैंड, चेकोस्लोवाकिया और जर्मनी के संघीय गणराज्य के
बीच एक सहकारी प्रयास में शुरू किए गए मानव रहित अंतरिक्ष यान मिशनों की एक
श्रृंखला थी।
⏺ 13. वीनस एक्सप्रेस (Venus
Express)
यह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का पहला वीनस एक्सप्लोरेशन मिशन है।
⏺ 14. मैगलन अंतरिक्ष यान (Magellan
Spacecraft)
▶यह रोबोटिक अंतरिक्ष यान था जिसे सिंथेटिक एपर्चर रडार का उपयोग करते हए
शुक्र की सतह के मानचित्रण और ग्रहीय गुरुत्वाकर्षण को मापने के लिए 4
मई 1989 को नासा द्वारा शुरू किया गया था।
▶इसका नाम 16वीं शताब्दी के पुर्तगाली खोजकर्ता फर्डिनेंड
मैगेलन के नाम पर रखा गया था।
▶फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से शटल अटलांटिस द्वारा उडान भरने वाला यह
पहला ग्रह अंतरिक्ष यान था।
Also read - सौरमंडल के ग्रहों के सबंधी महत्वपूर्ण तथ्य |
⏺ 15. पायनियर कार्यक्रम (Pioneer
Programme)
▶यह ग्रहों की खोज के लिए मानव रहित अंतरिक्ष अंतरिक्ष मिशन था।
⏺ 16. मैरिनर कार्यक्रम (Mariner
program)
▶यह जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी (जेपीएल) के साथ अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा
द्वारा आयोजित एक 10-मिशन कार्यक्रम था।
▶यह मंगल ग्रह,
शुक्र ग्रह और बुध ग्रह
पर जांच के लिए बनाया गया था।
⏺ 17. वायेजर कार्यक्रम (Voyager
program)
▶यह बाहरी सौर प्रणाली के अध्ययन करने के लिए एक अमेरिकी वैज्ञानिक
कार्यक्रम है।
⏺ 18. ज़ोंड कार्यक्रम (Zond
program)
▶यह 1964
से 1970 तक 3 एमवी ग्रहों की जांच के लिए सोवियत मानव रहित अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक
श्रृंखला थी जिसका उद्देश्य आसपास के ग्रहों के बारे में जानकारी इकट्ठा करना था।
⏺ 19. डॉन मिशन (Dawn
Mission)
▶सितंबर 2007
में नासा ने इसे
क्षद्रग्रह बेल्ट,
वेस्ता और सेरेस के तीन
ज्ञात प्रोटोप्लानेट्स का अध्ययन करने के लिए लॉन्च किया था।
▶इसे 1
नवंबर 2018 को सेवानिवृत्त कर दिया गया था और वर्तमान में
यह अपने दूसरे लक्ष्य,
बौने ग्रह सेरेस के
बारे में एक अनियंत्रित कक्षा में है।
⏺ 20. डीप इम्पैक्ट (Deep
Impact)
▶यह एक नासा अंतरिक्ष जांच धूमकेतु टेम्पल 1 के इंटीरियर की संरचना का अध्ययन करने के लिए
डिज़ाइन की गई है।
⏺ 21. मैसेंजर [Messenger
(Mercury Surface, Space Environment, Geochemistry, and Ranging)]
▶यह एक नासा रोबोटिक अंतरिक्ष यान था जिसने बुध के रासायनिक संरचना, भूविज्ञान और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करने
के लिए 2011
से 2015 के बीच में भेजा गया था।
⏺ 22. रोसेट्टा (Rosetta)
▶यह 2004
में लॉन्च एक यूरोपीय
अंतरिक्ष एजेंसी के नेतृत्व वाले मानव रहित अंतरिक्ष मिशन धूमकेतु 67 पी /चुरीयूमोव-गैरेसीमेंको का अध्ययन करने के
लिए किया गया था।
⏺ 23. हायाबुसा (Hayabusa)
▶यह जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी का एक मानव रहित अंतरिक्ष मिशन है|
▶जो 25143
इटाकावा (210 मीटर से 270 मीटर तक आयाम 540
मीटर) के विश्लेषण के
लिए पृथ्वी के क्षैतिज के पास एक छोटे से निकट सामग्री से नमूना एकत्र करने के लिए
और नमूना को विश्लेषण के लिए भेजा गया था।
⏺ 24. नियर शूमेकर (NEAR
Shoemaker)
▶यह जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी एप्लाइड फिजिक्स प्रयोगशाला द्वारा नासा के
लिए डिजाइन की गई खोजी रोबोट स्पेस है|
▶ जो पृथ्वी से निकट क्षद्रग्रह ईरो का अध्ययन करने के लिए बनाई गयी थी।
⏺ 25. कैसिनी-ह्यूजेन्स (Cassini-Huygens)
▶यह शनि और उसके चंद्रमा का अध्ययन करने के उद्देश्य से संयुक्त नासा / ईएसए
/ एएसआई मानव रहित अंतरिक्ष मिशन है।
⏺ 26. गैलीलियो (Galileo)
▶यह बृहस्पति और उसके चंद्रमा का अध्ययन करने के लिए नासा द्वारा भेजे गए
मानव रहित अंतरिक्ष यान था।
⏺ 27. सुइसी (ग्रह-ए) [Suisei
(Planet-A)]
▶धूमकेतु हैली का अध्ययन करने के लिए जापानी अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा भेजी
गयी अंतरिक्ष यान है|
▶ जिसे 18
अगस्त 1985 को कागोशिमा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया
था।
⏺ 28. डिस्कवरी कार्यक्रम (Discovery
program)
▶यह कम लागत वाली अंतरिक्ष मिशन है (न्यू फ्रंटियर या फ्लैगशिप प्रोग्राम्स
की तुलना में) जो सौर मंडल की खोज करने के लिए लांच की गयी थी।
⏺ 29. चंद्रयान कार्यक्रम (Chandrayaan
Program)
▶यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के अंतर्गत
द्वारा चंद्रमा की तरफ कूच करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष यान था।
▶इस अभियान के अन्तर्गत एक मानवरहित यान को 22, अक्टूबर 2008 को चन्द्रमा पर भेजा गया और यह 30 अगस्त,
2009 तक सक्रिय रहा।
▶यह यान ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यान (पोलर सेटलाईट लांच वेहिकल, पी एस एल वी) के एक संशोधित संस्करण वाले
राकेट की सहायता से सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया।
▶इसे चन्द्रमा तक पहुँचने में 5 दिन लगे पर चन्द्रमा की कक्षा में स्थापित करने में 15 दिनों का समय लग गया।
▶चंद्रयान का उद्देश्य चंद्रमा की सतह के विस्तृत नक्शे और पानी के अंश और
हीलियम की तलाश करना था।
Also read - रास्ट्रीय ध्वज और उसे फहराने के नियम
⏺ 30. मंगलयान कार्यक्रम (Mangalyaan
Program)
▶भारत का प्रथम मंगल अभियान है तथा प्रथम ग्रहों के बीच का मिशन है। वस्तुत:
यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की एक महत्वाकांक्षी अन्तरिक्ष परियोजना है।
▶इस परियोजना के अन्तर्गत 5 नवम्बर 2013
को 2 बजकर 38 मिनट पर मंगल ग्रह की परिक्रमा करने हेतु छोड़ा गया|
▶ एक उपग्रह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन
अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) सी-25 के द्वारा सफलतापूर्वक छोड़ा गया।
▶इस मिशन का मुख्य लक्ष्य अन्तरग्रहीय अन्तरिक्ष मिशनों के लिये आवश्यक
डिजाइन, नियोजन, प्रबन्धन तथा क्रियान्वयन का विकास करना है।
▶ऑर्बिटर अपने पांच उपकरणों के साथ मंगल की परिक्रमा करता रहेगा तथा
वैज्ञानिक उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आंकड़े व तस्वीरें पृथ्वी पर भेजेगा।
▶अंतरिक्ष यान पर वर्तमान में इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (इस्ट्रैक),बंगलौर के अंतरिक्षयान नियंत्रण केंद्र से
भारतीय डीप स्पेस नेटवर्क एंटीना की सहायता से नजर रखी जा रही है।
⏺ 31. चांग कार्यक्रम (Chang'e
Program)
▶यह चीन नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) द्वारा रोबोटिक चंद्रमा
मिशनों की एक सतत श्रृंखला है।
▶इस कार्यक्रम में लांग मार्च रॉकेट्स का उपयोग करके लॉन्च ऑर्बिटर, लैंडर्स, रोवर्स और नमूना रिटर्न स्पेसक्राफ्ट को शामिल किया गया है।
⏺ 32. निजी एस्ट्रोबोटिक प्रौद्योगिकी
कार्यक्रम (Private Astrobotic Technology Program)
▶यह एक निजी अमेरिकी कंपनी है जो ग्रह मिशनों
के लिए अंतरिक्ष रोबोटिक्स प्रौद्योगिकी विकसित कर रही है|
▶2008 में कार्नेगी मेलान के प्रोफ़ेसर रेड व्हिटकर और उनके सहयोगियों ने
गूगल चन्द्र एक्स पुरस्कार जीतने के लक्ष्य के साथ इसकी स्थापना की थी |
Also read - प्रमुख पुरस्कार एवं सम्मान
⏺ 33. फ्लाईबी अंतरिक्ष खोजी यान
▶अक्टूबर 1960
में सोवियत ने अंतरिक्ष
कार्यक्रम के तहत दो फ्लाईबी अंतरिक्ष खोजी यान भेजा था|
▶ जिसे मंगल 1960
ए और मंगल 1960 बी कहा गया, लेकिन दोनों पृथ्वी के कक्षा तक पहुंचने में
नाकाम रहे।
⏺ 34. मैरिनर 3 और मैरिनर 4
▶नासा के जेट प्रोपल्सन प्रयोगशाला ने मंगल ग्रह तक पहुंचने के दो प्रयास
किए।
▶मैरिनर 3 और मैरिनर 4
मंगल के पहले फ्लाईबी
को चलाने के लिए डिजाइन किए गए समान अंतरिक्ष यान थे।
▶मैरिनर 4
को 28 मार्च 1964 को लाल ग्रह के आठ महीने की यात्रा पर सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।
प्रिय साथियों , उम्मीद करता हूँ कि ये जानकारी आपको पसंद आई होगी, इस Topic से Related आपका कोई सवाल हो या सुधार हेतु सुझाव देना चाहते है तो Comment Box में या Contacts Us page के through आप हमें पूछ/ लिख सकते है,और हमारे Latest Post के Notifications पाने के लिए Bell Icon या Email Subscription Services का आप इस्तेमाल कर सकते है |
Thanks a lot
Our Other Popular Posts -

















