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विश्व के अंतरिक्ष अन्वेषण मिशन

 

           विश्व के अंतरिक्ष अन्वेषण मिशन

                       

                                                   image source - pixabay

    1. लुना कार्यक्रम (Luna Programme)

यह ऑर्बिटर या लैंडर के रूप में विकसित 1959 और 1976 के बीच चंद्रमा पर भेजे गए सोवियत संघ के मानव रहित अंतरिक्ष मिशन की एक श्रृंखला थी।

    2. प्रोजेक्ट अपोलो (Project Apollo)

यह संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अपोलो अंतरिक्ष यान और सैटर्न लॉन्च वाहन का उपयोग करके 1961-1972 के बीच किए गए मानव अंतरिक्ष-प्रकाश मिशनों की एक श्रृंखला थी।

1961 में अपोलो के समर्थन में स्पेस फ्लाइट क्षमता बढ़ाने के लिए दो व्यक्ति परियोजना जैमिनी द्वारा पहले उड़ान भरने वाला यह तीसरा अमेरिकी मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम था।

इस मिशन के पहले अंतरिक्ष अभियान के दल में नील आर्मस्ट्रांग, माइकल कोलिन्स और बज़ एल्ड्रिन थे। चंद्रमा पर चलने वाला पहला व्यक्ति नील आर्मस्ट्रांग था।

    3. वाइकिंग कार्यक्रम (Viking Programme)

नासा ने 1975 में इस कार्यक्रम को चलाया था तथा इस मिशन में वाइकिंग 1 और वाइकिंग 2 नामक अंतरिक्षयान का प्रयोग किया था। दोनो ही खोजी अंतरिक्ष यान ने मंगल ग्रह के कक्षा में प्रवेश किया था तथा प्रत्येक ने एक लैंडर मॉड्यूल जारी किया था ताकि मंगल ग्रह की सतह पर भविष्य में सफल लैंडिंग की जा सके।

    4. फोबोस कार्यक्रम (Phobos Programme)

यह सोवियत संघ द्वारा मानव रहित अंतरिक्ष मिशन था जिसको मंगल ग्रह और उसके चंद्रमा फोबोस और डीमोस का अध्ययन करने के लिए भेजा गया था।

    5. मंगल ग्लोबल सर्वेक्षक (Mars Global Surveyor)

मंगल ग्रह पर अध्ययन के लिए 12 नवंबर, 1997 में लॉन्च किया गया था।

मंगल ग्लोबल सर्वेक्षक ने 31 जनवरी 2001 को अपना प्राथमिक मिशन पूरा कर दिया था, और अब एक विस्तारित मिशन चरण में है।

    6. मंगल पाथफाइंडर (Mars Pathfinder)

यह अंतरिक्ष यान 4 जुलाई 1997 को मंगल ग्रह के उत्तरी गोलार्ध में एरेस वालिस नामक प्राचीन बाढ़ के मैदान पर उतरा था। इसने सोजोरनर नामक एक छोटे से रिमोट-नियंत्रित रोवर को मंगल ग्रह पर स्थापित कर दिया था जिसका मुख्य लक्ष्य था लैंडिंग साइट के आस-पास कुछ मीटर की यात्रा करना, आस-पास की स्थितियों और सैंपलिंग चट्टानों की खोज करना।

    7. मंगल ओडिसी (Mars Odyssey)

यह नासा द्वारा विकसित मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला एक रोबोट अंतरिक्ष यान है।

यह मूल रूप से मंगल सर्वेक्षक 2001 कार्यक्रम का एक घटक था, और इसे मंगल सर्वेक्षक 2001 ऑर्बिटर नाम दिया गया था।

इसका उद्देश्य मंगल ग्रह सर्वेक्षक 2001 लैंडर के रूप में जाने वाला एक साथी अंतरिक्ष यान होना था, लेकिन 1999 के अंत में मंगल ग्रह जलवायु ऑर्बिटर और मंगल ध्रुवीय लैंडर की असफलताओं के बाद मई 2000 में लैंडर मिशन रद्द कर दिया गया था।

इसके बाद, अंतरिक्ष अन्वेषण के दृष्टिकोण के लिए एक विशिष्ट श्रद्धांजलि के रूप में 2001 मंगल ओडिसी का नाम चुना गया था।

    8. मंगल एक्सप्रेस (Mars Express)

यह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा आयोजित एक अंतरिक्ष अन्वेषण मिशन है जो फ़िलहाल यह मंगल ग्रह पर खोज कर रहा है, और एजेंसी द्वारा प्रयास किया जाने वाला पहला ग्रह मिशन है।

"एक्सप्रेस" मूल रूप से गति और दक्षता को संदर्भित करता है। इस अंतरिक्ष यान में मर्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर और लैंडर बीगल 2 शामिल हैं।

    9. मंगल अन्वेषण रोवर्स (Mars Exploration Rovers)

यह मंगल ग्रह पर खोज के लिए नासा द्वारा लॉन्च किया गया था। 

यह 3 जनवरी 2004 को मंगल ग्रह पर गुसेव क्रेटर नामक स्थान पर सफलतापूर्वक उतरा था।

    10. मंगल ग्रह रिकोनिसेंस ऑर्बिटर (Mars Reconnaissance Orbiter)

इसे 12 अगस्त 2005 को दो साल के लिए मंगल ग्रह पर वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए भेजा गया था।

    11. वेनेरा मिशन (Venera Mission)

यह जांच की एक श्रृंखला थी जिसे वीनस से डेटा एकत्र करने के लिए यूएसएसआर द्वारा विकसित किया गया था।

दूसरे ग्रह के वातावरण में प्रवेश करने के लिए; किसी अन्य ग्रह पर लैंडिंग करने के लिए; ग्रह की सतह से छवियों को वापस करने और शुक्र के उच्च-रिज़ॉल्यूशन रडार मैपिंग अध्ययन करने के लिए यह पहला मानव निर्मित उपकरण था।

    12. वेगा कार्यक्रम (Vega program)

यह दिसंबर 1984 में सोवियत संघ और ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, फ्रांस, हंगरी, जर्मन डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, पोलैंड, चेकोस्लोवाकिया और जर्मनी के संघीय गणराज्य के बीच एक सहकारी प्रयास में शुरू किए गए मानव रहित अंतरिक्ष यान मिशनों की एक श्रृंखला थी।

    13. वीनस एक्सप्रेस (Venus Express)

 यह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का पहला वीनस एक्सप्लोरेशन मिशन है।

    14. मैगलन अंतरिक्ष यान (Magellan Spacecraft)

यह रोबोटिक अंतरिक्ष यान था जिसे सिंथेटिक एपर्चर रडार का उपयोग करते हए शुक्र की सतह के मानचित्रण और ग्रहीय गुरुत्वाकर्षण को मापने के लिए 4 मई 1989 को नासा द्वारा शुरू किया गया था।

इसका नाम 16वीं शताब्दी के पुर्तगाली खोजकर्ता फर्डिनेंड मैगेलन के नाम पर रखा गया था।

फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से शटल अटलांटिस द्वारा उडान भरने वाला यह पहला ग्रह अंतरिक्ष यान था।

Also read - सौरमंडल के ग्रहों के सबंधी महत्वपूर्ण तथ्य |

    15. पायनियर कार्यक्रम (Pioneer Programme)

यह ग्रहों की खोज के लिए मानव रहित अंतरिक्ष अंतरिक्ष मिशन था।

    16. मैरिनर कार्यक्रम (Mariner program)

यह जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी (जेपीएल) के साथ अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा आयोजित एक 10-मिशन कार्यक्रम था।

यह मंगल ग्रह, शुक्र ग्रह और बुध ग्रह पर जांच के लिए बनाया गया था।

    17. वायेजर कार्यक्रम (Voyager program)

यह बाहरी सौर प्रणाली के अध्ययन करने के लिए एक अमेरिकी वैज्ञानिक कार्यक्रम है।

    18. ज़ोंड कार्यक्रम (Zond program)

यह 1964 से 1970 तक 3 एमवी ग्रहों की जांच के लिए सोवियत मानव रहित अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक श्रृंखला थी जिसका उद्देश्य आसपास के ग्रहों के बारे में जानकारी इकट्ठा करना था।

    19. डॉन मिशन (Dawn Mission)

सितंबर 2007 में नासा ने इसे क्षद्रग्रह बेल्ट, वेस्ता और सेरेस के तीन ज्ञात प्रोटोप्लानेट्स का अध्ययन करने के लिए लॉन्च किया था।

इसे 1 नवंबर 2018 को सेवानिवृत्त कर दिया गया था और वर्तमान में यह अपने दूसरे लक्ष्य, बौने ग्रह सेरेस के बारे में एक अनियंत्रित कक्षा में है।

    20. डीप इम्पैक्ट (Deep Impact)

यह एक नासा अंतरिक्ष जांच धूमकेतु टेम्पल 1 के इंटीरियर की संरचना का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन की गई है।

    21. मैसेंजर [Messenger (Mercury Surface, Space Environment, Geochemistry, and Ranging)]

यह एक नासा रोबोटिक अंतरिक्ष यान था जिसने बुध के रासायनिक संरचना, भूविज्ञान और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करने के लिए 2011 से 2015 के बीच में भेजा गया था।

    22. रोसेट्टा (Rosetta)

यह 2004 में लॉन्च एक यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के नेतृत्व वाले मानव रहित अंतरिक्ष मिशन धूमकेतु 67 पी /चुरीयूमोव-गैरेसीमेंको का अध्ययन करने के लिए किया गया था।

    23. हायाबुसा (Hayabusa)

यह जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी का एक मानव रहित अंतरिक्ष मिशन है|

जो 25143 इटाकावा (210 मीटर से 270 मीटर तक आयाम 540 मीटर) के विश्लेषण के लिए पृथ्वी के क्षैतिज के पास एक छोटे से निकट सामग्री से नमूना एकत्र करने के लिए और नमूना को विश्लेषण के लिए भेजा गया था।

    24. नियर शूमेकर (NEAR Shoemaker)

यह जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी एप्लाइड फिजिक्स प्रयोगशाला द्वारा नासा के लिए डिजाइन की गई खोजी रोबोट स्पेस है|

जो पृथ्वी से निकट क्षद्रग्रह ईरो का अध्ययन करने के लिए बनाई गयी थी।

    25. कैसिनी-ह्यूजेन्स (Cassini-Huygens)

यह शनि और उसके चंद्रमा का अध्ययन करने के उद्देश्य से संयुक्त नासा / ईएसए / एएसआई मानव रहित अंतरिक्ष मिशन है।

    26. गैलीलियो (Galileo)

यह बृहस्पति और उसके चंद्रमा का अध्ययन करने के लिए नासा द्वारा भेजे गए मानव रहित अंतरिक्ष यान था।

    27. सुइसी (ग्रह-ए) [Suisei (Planet-A)]

धूमकेतु हैली का अध्ययन करने के लिए जापानी अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा भेजी गयी अंतरिक्ष यान है|

जिसे 18 अगस्त 1985 को कागोशिमा स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था।

    28. डिस्कवरी कार्यक्रम (Discovery program)

यह कम लागत वाली अंतरिक्ष मिशन है (न्यू फ्रंटियर या फ्लैगशिप प्रोग्राम्स की तुलना में) जो सौर मंडल की खोज करने के लिए लांच की गयी थी।

    29. चंद्रयान कार्यक्रम (Chandrayaan Program)

यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के अंतर्गत द्वारा चंद्रमा की तरफ कूच करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष यान था।

इस अभियान के अन्तर्गत एक मानवरहित यान को 22, अक्टूबर 2008 को चन्द्रमा पर भेजा गया और यह 30 अगस्त, 2009 तक सक्रिय रहा।

यह यान ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यान (पोलर सेटलाईट लांच वेहिकल, पी एस एल वी) के एक संशोधित संस्करण वाले राकेट की सहायता से सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया।

इसे चन्द्रमा तक पहुँचने में 5 दिन लगे पर चन्द्रमा की कक्षा में स्थापित करने में 15 दिनों का समय लग गया।

चंद्रयान का उद्देश्य चंद्रमा की सतह के विस्तृत नक्शे और पानी के अंश और हीलियम की तलाश करना था।

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    30. मंगलयान कार्यक्रम (Mangalyaan Program)

भारत का प्रथम मंगल अभियान है तथा प्रथम ग्रहों के बीच का मिशन है। वस्तुत: यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की एक महत्वाकांक्षी अन्तरिक्ष परियोजना है।

इस परियोजना के अन्तर्गत 5 नवम्बर 2013 को 2 बजकर 38 मिनट पर मंगल ग्रह की परिक्रमा करने हेतु छोड़ा गया|

एक उपग्रह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) सी-25 के द्वारा सफलतापूर्वक छोड़ा गया।

इस मिशन का मुख्य लक्ष्य अन्तरग्रहीय अन्तरिक्ष मिशनों के लिये आवश्यक डिजाइन, नियोजन, प्रबन्धन तथा क्रियान्वयन का विकास करना है।

ऑर्बिटर अपने पांच उपकरणों के साथ मंगल की परिक्रमा करता रहेगा तथा वैज्ञानिक उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आंकड़े व तस्वीरें पृथ्वी पर भेजेगा।

अंतरिक्ष यान पर वर्तमान में इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (इस्ट्रैक),बंगलौर के अंतरिक्षयान नियंत्रण केंद्र से भारतीय डीप स्पेस नेटवर्क एंटीना की सहायता से नजर रखी जा रही है।

    31. चांग कार्यक्रम (Chang'e Program)

यह चीन नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) द्वारा रोबोटिक चंद्रमा मिशनों की एक सतत श्रृंखला है।

इस कार्यक्रम में लांग मार्च रॉकेट्स का उपयोग करके लॉन्च ऑर्बिटर, लैंडर्स, रोवर्स और नमूना रिटर्न स्पेसक्राफ्ट को शामिल किया गया है।

    32. निजी एस्ट्रोबोटिक प्रौद्योगिकी कार्यक्रम (Private Astrobotic Technology Program)

यह एक निजी अमेरिकी कंपनी है जो ग्रह मिशनों के लिए अंतरिक्ष रोबोटिक्स प्रौद्योगिकी विकसित कर रही है|

2008 में कार्नेगी मेलान के प्रोफ़ेसर रेड व्हिटकर और उनके सहयोगियों ने गूगल चन्द्र एक्स पुरस्कार जीतने के लक्ष्य के साथ इसकी स्थापना की थी |

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    33. फ्लाईबी अंतरिक्ष खोजी यान

अक्टूबर 1960 में सोवियत ने अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत दो फ्लाईबी अंतरिक्ष खोजी यान भेजा था|

जिसे मंगल 1960 ए और मंगल 1960 बी कहा गया, लेकिन दोनों पृथ्वी के कक्षा तक पहुंचने में नाकाम रहे।

    34. मैरिनर 3 और मैरिनर 4

नासा के जेट प्रोपल्सन प्रयोगशाला ने मंगल ग्रह तक पहुंचने के दो प्रयास किए।

मैरिनर 3 और मैरिनर 4 मंगल के पहले फ्लाईबी को चलाने के लिए डिजाइन किए गए समान अंतरिक्ष यान थे।

मैरिनर 4 को 28 मार्च 1964 को लाल ग्रह के आठ महीने की यात्रा पर सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।

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सौरमंडल के ग्रहों के सबंधी महत्वपूर्ण तथ्य |

 

सौरमंडल के ग्रहों के सबंधी तथ्य:- 

सौरमंडल के ग्रह दो तरह के होते हैं - "स्थलीय ग्रह" जिनमें ज़मीन होती है और "गैसीय ग्रह" जिनमें अधिकतर गैस ही गैस है।

image source - pixabay


सूर्य से उनकी दूरी के क्रम में आठ ग्रह हैं:

    बुध

यह सूर्य से सबसे निकट और आकार में सबसे छोटा ग्रह है। पहले प्लूटो (यम) को सबसे छोटा ग्रह माना जाता था|

यह सूर्य की एक परिक्रमा करने में 88 दिन लगाता है। यह लोहे और जस्ते का बना हुआ हैं।

यह अपने परिक्रमा पथ पर 29 मील प्रति क्षण की गति से चक्कर लगाता हैं।

बुध व्यास की दृष्टि से गैनिमीड और टाईटन उपग्रहों से छोटा है लेकिन द्रव्यमान में दुगना है। इसका एक भी उपग्रह नही हैं

ग्रहपथ : 57,910,000 किमी (0.38 AU)

सूर्य से व्यास : 4880 किमी

द्रव्यमान : 3.30e23 किग्रा (द्रव्यमान से आंठवे क्रमांक पर है)

यहां दिन अति गर्म (427 डिग्री) और रातें बर्फीली (-173 डिग्री) तथा तापांतर सभी ग्रहों में सबसे अधिक 600 डिग्री सेल्सियस है|

दिन कि अवधि - 58.6 दिन

   शुक्र

यह सूर्य से दूरी में दूसरा और आकर में छठंवा सबसे बड़ा तथा सबसे गरम ग्रह है।

इसका परिक्रमा पथ 108,200,000 कि.मी.लम्बा है। इसका व्यास 12,103.6 कि.मी. है।

आकार और बनावट लगभग समान होने के कारण इसे पृथ्वी की बहन भी कहा जाता है।

ग्रहपथ : ग्रहपथ लगभग पूर्ण वृत्त 0.72 AU या 108,200,000 किमी (सूर्य से)।

व्यास : 12,103.6 किमी

द्रव्यमान : 4.869e24 किग्रा है।

यह विपरीत दिशा में घूमता रहता है।

तापमान - 867 डिग्री फारेनहाइट

नामकरण - इस गृह का नामकरण प्रेम और सौन्दर्य कि रोमन देवी पर हुआ है |

   पृथ्वी

सूर्य से तीसरा ग्रह है जहाँ पर जीवन है ।

आतंरिक ग्रहों में से सब से बड़ा है|

सुर्य से पृथ्वी की औसत दूरी को खगोलीय इकाई कहते हैं। ये लगभग 15 करोड़ कि.मी. है।

इसे नीला ग्रह भी कहते है।

इसका व्यास 12756 कि.मी. है तथा ध्रुवीय व्यास 12743 कि.मी. है

द्रव्यमान - 5.97219x1024 किलोग्राम

उपग्रह - चन्द्रमा | चन्द्रमा पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से 1/6 है |
   मंगल

यह सूर्य से चौथा ग्रह है।

पृथ्वी से इसकी आभा रक्तिम दिखती है, जिस वजह से इसे "लाल ग्रह" भी कहा जाता है।

पृथ्वी की तरह, मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है। इसका वातावरण विरल है। इसकी सतह देखने पर चंद्रमा के गर्त और पृथ्वी के ज्वालामुखियों, घाटियों, रेगिस्तान और ध्रुवीय बर्फीली चोटियों की याद दिलाती है।

हमारे सौरमंडल का सबसे अधिक ऊँचा पर्वत, ओलम्पस मोन्स साथ ही विशालतम कैन्यन वैलेस मैरीनेरिस भी मंगल पर ही स्थित है।

अपनी भौगोलिक विशेषताओं के अलावा, मंगल का घूर्णन काल और मौसमी चक्र पृथ्वी के समान हैं।

1966 में मेरिनर 4 के द्वारा की पहली मंगल उडान से पहले यह माना जाता था कि इस की सतह पर तरल अवस्था में जल हो सकता है।

सौर मंडल के सभी ग्रहों में हमारी पृथ्वी के अलावा, मंगल ग्रह पर जीवन और पानी होने की संभावना सबसे अधिक है।

उपग्रह - मंगल ग्रह के दो उपग्रह है- फ़ोबस और डाइमस| इनकी खोज सन में असफ हॉल ने की थी | फ़ोबस और डाइमस दोनों शब्दों का अर्थ भय है |

द्रव्यमान - 6.4185x1023 कि.ग्रा

दिन की लम्बाई - 24 घंटे 39 मिनट

तापमान - मंगल ग्रह पृथ्वी कि तुलना में ठंडा होता है | मंगल कि सूर्य से दुरी अधिक होने के कारण उस पर सौर उर्जा कम प्राप्त होती है जिससे उसका तापमान कम होता है लगभग 210K है |

   बृहस्पति

बृहस्पति सूर्य से पांचवाँ और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।

यह एक गैस दानव है जिसका द्रव्यमान सूर्य के हजारवें भाग के बराबर तथा सौरमंडल में मौजूद अन्य सात ग्रहों के कुल द्रव्यमान का ढाई गुना है।

बृहस्पति को शनि, युरेनस और नेप्चून चारों ग्रहों के साथ एक गैसीय ग्रह के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

प्राचीन काल से ही ज्ञात इस ग्रह को रोमन सभ्यता ने अपने देवता जूपिटर के नाम पर इसका नाम रखा था।

जब इसे पृथ्वी से देखा गया, तो यह चन्द्रमा और शुक्र के बाद तीसरा सबसे अधिक चमकदार निकाय बन गया (मंगल ग्रह अपनी ग्रहपथ (धुरी) के कुछ बिंदुओं पर बृहस्पति की चमक से मेल खाता है)।

बृहस्पति को देवताओं का ग्रह कहा जाता है।

उपग्रह - बृहस्पति के 79 उपग्रह है | इनमे 50 उपग्रह का व्यास 10 किमी से कम है | इसके चार सबसे बड़े चन्द्रमा - आयो, युरोपा, गैनिमिड और कैलिस्टो है|

द्रव्यमान - 1.8786x1027 कि.ग्रा.

तापमान - -145 डिग्री सेल्सियस है |

खोज - गैलीलियो गैलिली ने बृहस्पति कि खोज 1610 में कि थी |

   शनि

शनि सौरमण्डल का एक सदस्य ग्रह है।

यह सूरज से छठे स्थान पर है और सौरमंडल में बृहस्पति के बाद सबसे बड़ा ग्रह हैं।

इसके कक्षीय परिभ्रमण का पथ 14,29,40,000 कि.मी. है।

इस के 81 उपग्रह हैं।जिसमें टाइटन सबसे बड़ा है।

टाइटन बृहस्पति के उपग्रह गिनिमेड के बाद दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह है।

गैलीलियो गैलिली ने सन् 1610 में दूरबीन की सहायता से इस ग्रह को खोजा था।

शनि ग्रह की रचना 75% हाइड्रोजन और 25% हीलियम से हुई है।

जल, मिथेन, अमोनिया और पत्थर यहाँ बहुत कम मात्रा में पाए जाते हैं।

हमारे सौर मण्डल में चार ग्रहों शनि, बृहस्पति, अरुण (युरेनस) और वरुण (नेप्च्यून) को विशाल आकार तथा मिटटी पत्थर की बजाय अधिकतर गैस होने के कारण गैस दानव कहा जाता है|

द्रव्यमान - 5.6846×1026

शनि और सूर्य के बीच की औसत दूरी 1.4 अरब किलोमीटर से अधिक (एयू) है। 

   अरुण (यूंरेनस)

यह सूर्य से सातवाँ तथा व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का तीसरा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर चौथा बड़ा ग्रह है।

द्रव्यमान में यह पृथ्वी से 14.5 गुना अधिक भारी और आकार में पृथ्वी से 63 गुना अधिक बड़ा है।

यह पृथ्वी से बहुत कम घना है,क्योंकि पृथ्वी पर पत्थर और अन्य भारी पदार्थ अधिक प्रतिशत में हैं जबकि अरुण पर गैस अधिक है।

13 मार्च 1781 में विलियम हरशल ने इसकी खोज की घोषणा की। अरुण दूरबीन द्वारा पाए जाने वाला पहला ग्रह था।

इसके 15 उपग्रहों में से 10 की खोज 1986 में वायेजर 1 यान द्वारा हई है।

इसकी सूर्य से औसत दूरी लगभग ३ अरब कि॰मी॰ है।

उपग्रह - युरेनस के 27 प्राकृतिक उपग्रह है| पांच मुख्य उपग्रह है : मिरांडाएरियलअम्ब्रियलटाईटेनिया और ओबेरॉन |

 

   वरुण, (नॅप्टयून या नॅप्चयून)

यह सौर मण्डल में सूर्य से आठवाँ ग्रह है।

व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का चौथा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर तीसरा बड़ा ग्रह है।

वरुण का द्रव्यमान पृथ्वी से 17 गुना अधिक है और अपने पड़ौसी ग्रह अरुण (युरेनस) से थोड़ा अधिक है।

खगोलीय इकाई के हिसाब से वरुण की ग्रहपथ सूरज से 30.1 ख०ई० की औसत दूरी पर है, यानि वरुण पृथ्वी के मुक़ाबले में सूरज से लगभग तीस गुना अधिक दूर है।

वरुण को सूरज की एक पूरी परिक्रमा करने में 164.79 वर्ष लगते हैं, यानि एक वरुण वर्ष 164.79 पृथ्वी वर्षों के बराबर है।

नेप्च्यून एवं सूर्य के बीच की औसत दूरी 4.50 अरब किमी (लगभग 30.1 एयू) है, एवं यह औसतन हर 164.79 ± 0.1 वर्षों में सूर्य की परिक्रमा पूरी करता है।

द्रव्यमान - 1.0243×1026 

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