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एटीएम यानि डेबिट कार्ड में लिखे 16 डिजिट का क्या मतलब होता है?.....

 

एटीएम यानि डेबिट कार्ड में लिखे 16 डिजिट का क्या-क्या मतलब होता है?.....


एटीएम ( Automated Teller Machine -ATM ) कार्ड को बिल्कुल उसी तरह समझे जैसा आपका मोबाइल का सिम ( SIM ) होता है यदि सिम में बैलेंस नहीं होता है तो हम बात नहीं कर सकते हैं उसी तरह यदि आपके अकाउंट में बैलेंस नहीं है तो आप एटीएम कार्ड का उपयोग ट्रांजैक्शन के लिए नहीं कर सकते|

 

 डेबिट कार्ड में छपे  Hologram एक ऐसा सिक्योरिटी है,जिसे Copy करना काफी मुश्किल होता है |यह 3D प्रकार का होता है|इसमें Card holder के सुविधा के लिए  Date और Expiry वर्ष भी लिखा होता है|

 


डेबिट कार्ड  (Debit Card )या एटीएम कार्ड में छिपे हुए 16 डिजिट का क्या मतलब होता है, इसमें कुछ अहम जानकारियां छुपी होती है. जिसे हमें जानना चाहिए |यह आवश्यक भी है कि उन अंको में क्या-क्या महत्वपूर्ण जानकारियां छुपी हुई है|

 तो चलिए हम आज आपको उन छुपी हुई जानकारियों से एक एक करके रूबरू कराते हैं|

  इसे भी पढ़े - खोये हुए आधार कार्ड को मोबाइल से आसानी से कैसे निकाले ? 

यह अंक सिर्फ आपके बैंक अकाउंट को प्रदर्शित करते हैं अपितु सुरक्षा की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है जो कई प्रकार से फ्रॉड (Fraud ) से बचाते हैं, जब हम ऑनलाइन बैंकिंग (Online Banking) या शॉपिंग  Shopping )करते हैं |यदि अनजाने में यह डिटेल्स लीक हो जाते हैं तो आपका बैंक अकाउंट में फ्रॉड होने के चांसेस बढ़ जाते हैं

 

 जैसे की हम सबको पता है कि भारत में नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार ने कैशलेस इंडिया ( Cashless India) अभियान चलाया जिसमें सबसे महत्वपूर्ण प्लास्टिक मनी  (Plastic Money) अर्थात एटीएम डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का नाम रहा हालांकि केसलेस ट्रांजैक्शन में Paytm,Google Pay, BHIM UPI  ने भी अहम भूमिका निभाई है| हमारे देश में केंद्र सरकार के निर्देशानुसार प्रायः सभी का लगभग नि:शुल्क जनधन खाता खुलवाया गया था और उसके साथ बैंकों ने हर बैंक खाता धारक को एक-एक एटीएम कार्ड भी दिया था यानि अब शायद ही कोई ऐसा होगा जो एटीएम कार्ड से अवगत या परिचित ना हो |

       अधिकांशतया सभी के पर्स या हैंड बैग में एक या अधिक बैंकों का एटीएम कार्ड दिखाई दे जाता है इस कार्ड के जरिए हम कहीं भी और कभी भी राशि आहरण कर सकते हैं और भुगतान भी कर सकते हैं जिसके लिए हमें एक 4 अंकों का पासवर्ड याद रखना पड़ता है| इस कार्ड के आने से पहले बैंकों में पासबुक रखकर विड्राल पर्ची  ( Withdrawl Slip ) भरकर राशि निकालने की जरूरत पड़ती थी| इसके लिए तो कहीं कहीं लंबी लाइनों का सामना भी करना पड़ जाता था |एटीएम कार्ड के आने से इस लंबी लाइनों से छुटकारा मिल गया है |

         आपने शायद ध्यान दिया होगा कि एटीएम कार्ड पर 16 डिजिट का नंबर लिखा होता है जिसे परमानेंट अकाउंट नंबर( Permanent Account Number- PAN) से भी जाना जाता है, हमारा ध्यान इस पर तब जाता है जब हम कोई इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन करते हैं तो आइए जानते हैं इन अंको के पीछे छिपे वह कौन-कौन से राज हैं----


         एटीएम कार्ड की फर्स्ट डिजिट का तात्पर्य होता है जिसने कार्ड जारी किया है; इसे मेजर  इंडस्ट्री आइडेंटिफायर ( Major  Industry Identifier -MII ) कहते है| यह डिजिट हर इंडस्ट्री के लिए अलग-अलग होता है- जैसे कि बैंक, पेट्रोलियम आदि|

0-     ISO और अन्य इंडस्ट्री

1-     एयरलाइंस कंपनी

2-     एयरलाइंस और अन्य इंडस्ट्री

3-     ट्रेवल और इंटरटेनमेंट (अमेरिकन एक्सप्रेस या फ़ूड क्लब)

4-     बैंकिंग और फाइनेंस (वीजा)

5-     बैंकिंग और फाइनेंस (मास्टर कार्ड)

6-     बैंकिंग और मर्चेंडाइजिंग  

7-     पैट्रोलियम

8-     टेलीकम्युनिकेशंस और अन्य इंडस्ट्री

9-     नेशनल असाइनमेंट्स


         शुरुआती के 6 नंबर--


शुरू के 6 अंक Bank Identification Number तथा शेष 10 अंक Unique Accont Number होता है

जिस कंपनी ने एटीएम क्रेडिट कार्ड / डेबिट कार्ड जारी किया है, इसे जारी कर्ता का पहचान नंबर (Issuer Identification Number -IIN ) कहते हैं जैसे-

कंपनी -IIN

अमेरिकन एक्सप्रेस -34xxxx,35xxxx

वीजा- 4xxxxx

मास्टरकार्ड- 51xxxx,-55xxxx

रुपे कार्ड  / डिस्कवर - 6xxxx

 

सभी वीजा कार्ड (Visa Card ) 4 अंक से शुरू होते हैं और इसके शुरू के जो 5 डिजिट अंक हैं वह बताते हैं कि वीजा कार्ड को किस बैंक ने जारी किया है |मास्टर कार्ड  Master Card ) 5 अंक से शुरू होता है और रुपे  (Rupay Card ) एवं डिस्कवर  (Discover  Card ) 6 अंक से शुरू होता है| इन अंको से ही सब कुछ जाना समझा सकता है इसलिए कुछ वेबसाइट  (Website ) ऑनलाइन पेमेंट या शॉपिंग करते समय आपके कार्ड के बारे में नहीं पूछा करते कि आप कौन सा कार्ड यूज कर रहे हैं|

 

NEXT 9 DIGIT--

अगली 9 डिजिट  अर्थात 7 वां डिजिट से 15 वां डिजिट तक का नंबर होता है जो आपके बैंक अकाउंट नंबर से  लिंक होते है ,यह पूर्ण रूप से बैंक अकाउंट नंबर नहीं होता,|

       क्रेडिट या डेबिट कार्ड का आखरी नंबर चेक डिजिट  (Check Digit )के नाम से जाना जाता है इससे यह पता चलता है कि कार्ड वैलिड (वैध) है या नहीं|

 

Image source- Linkdin

 16 अंकों का यह नंबर कहां इस्तेमाल होता है---

 

 डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर लिखे नंबरों का इस्तेमाल करके हम उस कार्ड से किसी को भी राशि भुगतान कर सकते हैं अगर आपके पास डेबिट कार्ड है तो उसके साथ आपको 4 डिजिट का पिन नंबर डालना होता है और यदि आपने टू स्टेप वेरीफिकेशन  (Two Step Verification ) सिक्योरिटी लगाई है तो आपको आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाने वाला ओटीपी (One Time Password ) भी बताना होता है;

               वहीं दूसरी ओर यदि आपके पास क्रेडिट कार्ड है तो आपको अपने कार्ड के पीछे लिखित 3 अंकों का CVV नंबर भी दर्ज करना होता है| इसके अलावा अपने सिक्योर पासवर्ड या मोबाइल फोन पर भेजा गया ओटीपी  (OTP ) देना होता है, तभी आप भुगतान कर सकते हैं|

 क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड में अंतर --

डेबिट कार्ड  (Debit Card )का प्रयोग करने पर सीधे आपके बैंक खाते से राशि कटकर भुगतान होता है ,जबकि क्रेडिट कार्ड  (Credit Card ) में आपके बैंक खाते में राशि भी हो तो भी बैंकों  द्वारा क्रेडिट की गई एक निश्चित राशि तक का भुगतान कर सकते हैं, जिसे एक निश्चित समयावधि में आपको बैंक को लौटाना रहता है , अर्थात Buying now,Paying later .

               क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड दोनों एक निश्चित समय पश्चात एक्सपायरी हो जाते हैं तो क्रेडिट कार्ड को एक्सटेंड  (Extend )कराना पड़ता है और डेबिट कार्ड को न्यू   (New )लेना पड़ता है|

 

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