यह ब्लॉग खोजें

ग्रेजुएशन के बाद का सफर || अब क्या?नौकरी की तलाश, आगे की पढ़ाई या कुछ नया

 

यार, ग्रेजुएशन के बाद का सफर: मेरे तजुर्बे और कुछ बातें

भाई, ग्रेजुएशन की टोपी उछालने के बाद जो खुशी मिलती है, वो तो अलग ही लेवल की होती है। लेकिन उसके तुरंत बाद दिमाग में एक ही सवाल घूमता है, "अब क्या?" मुझे भी लगा था कि लाइफ सॉर्ट हो गई, पर असल खेल तो अब शुरू हुआ था। ये गाइड मेरे खुद के तजुर्बों और कुछ सीखों पर आधारित है, जो मैंने इस सफर में हासिल की हैं।


पहला पड़ाव: नौकरी की तलाश - मेरी अपनी कहानी

डिग्री तो मिल गई थी, पर नौकरी मिलना उतना आसान नहीं था जितना सोचा था। मैंने भी सैकड़ों जगह रेज़्यूमे भेजा, पर जवाब नहीं आया। फिर मैंने समझा कि सिर्फ डिग्री काफी नहीं है।

  • स्किल ही सब कुछ है: मुझे पता चला कि कंपनियां सिर्फ आपकी डिग्री नहीं, बल्कि आपके असली हुनर (skills) को देखती हैं। मैंने डेटा एनालिसिस में कुछ ऑनलाइन कोर्स किए और छोटे-छोटे प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया। जब मैंने इन प्रोजेक्ट्स को अपने रिज्यूमे में डाला, तो इंटरव्यू के कॉल आने लगे। मेरे प्रोजेक्ट्स मेरी बात से ज़्यादा बोल रहे थे।

  • नेटवर्किंग का खेल: मेरे एक दोस्त ने मुझे सलाह दी कि "भाई, सिर्फ अप्लाई मत कर, लोगों से बात कर।" मैंने LinkedIn पर अपने कॉलेज के सीनियर्स को मैसेज किया। उनसे पूछा कि उनके काम में क्या चुनौतियाँ आती हैं और उन्होंने कैसे शुरुआत की। यकीन मानिए, उनमें से एक सीनियर ने ही मुझे एक छोटी कंपनी में इंटर्नशिप का मौका दिया।

  • पहला कदम सबसे ज़रूरी: मुझे पहली नौकरी मेरे सपनों की नौकरी नहीं थी, पर मैंने उसे हाँ कर दिया। मैंने सोचा कि एक्सपीरियंस लेना सबसे ज़रूरी है। और सच कहूँ तो, उस नौकरी ने मुझे वो सब सिखाया जो कोई कॉलेज नहीं सिखा सकता।


दूसरा पड़ाव: आगे की पढ़ाई या कुछ नया

मेरे कई दोस्त सीधे नौकरी नहीं करना चाहते थे। कुछ ने मास्टर्स के लिए तैयारी शुरू की, तो कुछ ने एकदम अलग रास्ते चुने।

  • मास्टर्स का फैसला: मेरा एक दोस्त, जिसे रिसर्च में बहुत दिलचस्पी थी, उसने तुरंत मास्टर्स करने का फैसला किया। उसकी सोच थी कि स्पेशलाइजेशन के बिना बड़े पद पाना मुश्किल है।

  • गैप ईयर का फायदा: मेरा एक और दोस्त, जिसे ट्रैवल का बहुत शौक था, उसने एक साल का ब्रेक लिया। उसने ट्रैवल करते हुए फ्रीलांसिंग का काम किया और कुछ नए हुनर सीखे। उसने कहा, "भाई, ये साल मैंने खुद को जानने में लगाया।" और ये उसकी लाइफ का सबसे अच्छा फैसला साबित हुआ।

  • खुद का बिज़नेस: मेरे एक कज़िन ने पढ़ाई के बाद खुद का एक छोटा स्टार्टअप शुरू किया। उसने शुरुआत में बहुत संघर्ष किया, लेकिन आज वह एक सफल बिज़नेस चला रहा है। उसने मुझे बताया कि ग्रेजुएशन के बाद रिस्क लेने का सबसे सही समय होता है।


मेरा अनुभव और सलाह

भाई, मेरा तजुर्बा यही कहता है कि ग्रेजुएशन के बाद का समय सिर्फ नौकरी खोजने का नहीं, बल्कि खुद को तलाशने का है।

  • सब्र रखो: अगर तुरंत नौकरी नहीं मिल रही, तो घबराओ मत। अपनी स्किल्स को बेहतर बनाते रहो।

  • सीखते रहो: दुनिया बहुत तेज़ी से बदल रही है। रोज़ कुछ नया सीखो, चाहे वो ऑनलाइन कोर्स हो या कोई नई किताब।

  • खुद पर भरोसा रखो: हर किसी का रास्ता अलग होता है। अपनी तुलना किसी और से मत करो। तुम्हारा सफर तुम्हारा है, और तुम इसे अपने तरीके से जी सकते हो।

ये सिर्फ शुरुआत है, भाई। आगे बहुत कुछ सीखना और करना है। अपनी यात्रा का मज़ा लो!

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

If you have any doubts, please let me know